राम नवमी क्यों मनाते है? | Why do we celebrate Ramnavami?
हमारे देश त्यौहारो का देश है। यहां बारहों माह कोई न कोई त्योहार जरूर मनाया जाता है। हमारे देश में प्रत्येक त्यौहार का अपना कोई न कोई महत्व जरुर है। हर धर्म के लोग हर एक त्योहार बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है। हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक रामनवमी का त्यौहार भी है। आज हम बात करेगे रामनवमी पर्व के वारे में। रामनवमी का त्यौहार क्यू मनाते है? रामनवमी (Ramnavami) का त्यौहार कैसे मनाते है? रामनवमी का त्यौहार कब मनाते है? (Why do we celebrate Ramnavami?) आदी।
राम नवमी हिन्दुओं का एक मुख्य त्योहार है। राम नवमी का त्योहार भारत के लोगों द्वारा ही नहीं बल्कि दुनिया के अन्य हिस्सों में रहने वाले हिन्दू समुदाय के लोगों द्वारा भी मनाया जाता है। हिन्दू सभी त्योहारों के जैसे रामनवमी को भी बड़ी धूम धाम के साथ मनाते है। शास्त्रों के अनुसार इसी दिन भगवान राम का जन्म हुआ था और इसी दिन को हिन्दू रामनवमी के रुप में मनाते है। रामनवमी के त्यौहार के साथ ही मां दुर्गा के नवरात्रों का भी समापन होता है।
संत कबीर राम की परिभाषा इस प्रकार बताते है।
“एक राम दशरथ का बेटा, एक राम घट घट में बैठा, एक राम का सकल उजियारा, एक राम जगत से न्यारा”॥
राम नवमी का त्यौहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष कि नवमी तिथि को मनाया जाता है। हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष कि नवमी तिथि को मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का जन्म हुआ़ था। इसी दिन को हिंदू धर्म के लोग रामनवमी पर्व के रुप मे मनाते है।
चैत्रे नवम्यां प्राक् पक्षे दिवा पुण्ये पुनर्वसौ ।
उदये गुरुगौरांश्चोः स्वोच्चस्थे ग्रहपञ्चके ॥
मेषं पूषणि सम्प्राप्ते लग्ने कर्कटकाह्वये ।
आविरसीत्सकलया कौसल्यायां परः पुमान् ॥
हिन्दु धर्म शास्त्रों के अनुसार त्रेता युग में धर्म की स्थापना के लिए और रावण के अत्याचारों को समाप्त करने के लिए भगवान विष्णु ने राम के रूप में जन्म लिया था। भगवान विष्णु ने राम के रूप में माता कौशल्या की कोख से चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को जन्म लिया था।
यह त्योहार भगवान विष्णु के अवतार मर्यादा पुरुषोत्तम राम के जन्म की स्मृति में मनाया जाता है।राम नवमी का पर्व प्रत्येक साल मार्च या अप्रैल महिने में मनाया जाता है। इस त्योहार का इतिहास बहुत ही पुराना है।
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हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार राजा दशरथ की तीन पत्नियां थीं। कौशल्या, सुमित्रा और कैकेयी। राजा दशरथ की तीनों रानियों से कोई वंश नहीं था। इस वजह से राजा दशरथ काफी चिंतित रहते थे। वंश प्राप्ति के लिए महान ऋषि वशिष्ठ ने राजा दशरथ को पवित्र अनुष्ठान पुत्र कामेश्टी यज्ञ करने की सलाह दी।
राजा दशरथ ने महर्षि ऋष्यश्रृंग से यज्ञ कराया।राजा दशरथ की स्वीकृति के साथ, महान ऋषि ऋष्यश्रृंग ने विस्तृत ढंग से अनुष्ठान किया। तत्पश्चात एक दिव्य पुरुष अपने हाथों में खीर की कटोरी लिए अग्नी कुंड से बाहर निकले। राजा को पायसम का एक कटोरा (दूध और चावल से तैयार भोजन) सौंप दिया और उनकी पत्नियों के बीच यह भोजन वितरित करने के लिए कहा गया। राजा ने अपनी पत्नी कैकेयी और कौशल्या और एक अन्य आधा पायसम का हिस्सा पत्नी सुमित्रा को दे दिया।
इस भोजन के कारण राम का जन्म रानी कौशल्या से, भरत का जन्म रानी कैकेयी से तथा लक्ष्मण व शत्रुघ्न का जन्म रानी सुमित्रा से हुआ। भगवान राम को विष्णु का सातवा अवतार माना जाता है। भगवान राम का जन्म चैत्र माह की नवमी तिथि को हुआ और इसी दिन को हिंदु धर्म के लोग रामनवमी पर्व के रूप में मनाते है।
रामनवमी (Ramnavami) के दिन आम तौर पर हिन्दू परिवारों में व्रत-उपवास, पूजा पाठ व अन्य धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन किया जाता है। कई घरों में विशेष साज-सज्जा कर, घर को पवित्र कर कलश स्थापना की जाती है और श्रीराम जी का पूजन कर, भजन-कीर्तन का आयोजन किया जाता है।
इस दिन विशेष तौर पर श्रीराम के साथ माता जानकी और लक्ष्मण जी की भी पूजा होती है। रामनवमी के त्यौहार को 9 दिन तक मनाया जाता है। इन 9 दिनों में रामनवमी मनाने वाले सभी हिन्दू भक्त रामचरितमानस का अखंड पाठ करते हैं और साथ ही मंदिरों और घरों में धार्मिक भजन, कीर्तन और भक्ति गीतों के साथ पूजा आरती की जाती है।
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इसी समय चैत की नवरात्रि मनाई जाती है और नवरात्री के नौवे दिन रामनवमी का त्यौहार मनाया जाता है। भक्त नवरात्रि के पहले दिन और अंतिम दिन पूरा दिन ब्रत रखते हैं। नवरात्रि के नौवे दिन भगवान राम के जन्म के रूप में रामनवमी का त्यौहार मनाते है।
भारत में रामनवमी के उत्सव को मानाने के लिए विश्व भर से भक्त इस दिन अयोध्या, सीतामढ़ी, रामेश्वरम, भद्राचलम में जमा होते हैं। रामनवमी का पर्व बड़े धूम धाम के साथ मनाया जाता है।
Ramnavami के दिन प्रातःकाल स्नान करके पीले वस्त्र धारण किये जाते है और व्रत करने का संकल्प लेकर पूजा स्थल पर पूजा की सभी सामग्री, जैसे कमल का फूल, फल, तुलसी, चौकी, लाल कपड़ा और एक छोटा सा पलना लेकर, गंगाजल ओर तांबे का कलश रखकर राम जी के राम दरबार की मूर्ति की पूजा की जाती है।
रामनवमी के व्रत के लाभ
जो लोग इस दिन व्रत करते है उनकी सबी मनोकामना पूरी होती है ओर सुख मिलता है। इस प्रकार हमारे हिंदू रामनवमी मानते है।
FAQs
Qus: 2024 में रामनवमी कब है?
Ans: 2024 में रामनवमी 17 अप्रैल, रविवार को है।
Qus: राम कितने वर्ष तक राज्य किए।
Ans: वाल्मीकि रामायण के अनुसार भगवान श्रीराम ने 11000 वर्ष तक अयोध्या में राज किया था।
Qus: राम जी का जन्म कब हुआ?
Ans: Unique Exhibition of Cultural Continuity from Rigveda to Robotics नाम की एग्जीबिशन में प्रस्तुत रिपोर्ट के अनुसार भगवान राम का जन्म 10 जनवरी, 5114 ईसापूर्व सुबह बारह बजकर पांच मिनट पर हुआ (12:05AM) पर हुआ था।
Qus: राम नवमी में हनुमान जी की पूजा क्यों होती है?
Ans: राम जी के सबसे प्रिय भक्त हनुमान जी हैं। इस कारण भगवान राम ने कभी हनुमान जी का साथ नहीं छोड़ा। भक्तशिरोमणि होने के कारण राम के जन्म के लिए हनुमान की विशेष पूजा होती है।
Qus: रामनवमी शोभा यात्रा क्या होती है?
Ans: रामनवमी शोभायात्रा की परंपरा बहुत पुराना है। रामनवमी के दिन राम की मूर्ती के साथ शोभा यात्रा निकाली जाती है। शोभा यात्रा में भक्त राम जी के पीछे पीछे ढोल नगाड़े के साथ झूमते गाते हुए चलते है। आज कल डीजे की धुन पर भक्त नाचते गाते हुए जय श्री राम का नारा लगाते है।
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