वो कौन थी… | Who is She?
कभी-कभी हमारे सामने ऐसी रात आती है जो जीवन के हर पल, हर मोड़ पर अतीत को सामने ला खड़ी कर देती है। ऐसी ही एक रात मेरे साथ घटित हुई, जब मैं अपने चाचा जी के घर जा रहा था। उस रात बहुत तेज़ आंधी आई, मानों जैसे कोई अद्भुत घटना का इंतज़ार कर रही हो। वायु की धाराएँ धरती के दिल को चीर देने वाली बिजलियाँ बरस रही थीं, जैसे किसी ने उसे बहुत नाराज़ कर दिया हो। उस समय मैं अपनी कार में गति से बढ़ रहा था। अचानक कुछ चीज़ मेरी कार से टकरा गई, मैं जल्दी से उतरकर देखा कि वह चीज़ एक लड़की थी, जिसने शादी के लाल जोड़ों में बदले कपड़े पहने थे, लेकिन सबसे अद्भुत बात थी कि उसके घूंघट नाक तक झुके हुए थे।
मैंने एक पल तक उसे देखता रहा, फिर उसके दर्दभरी चिल्लाहट ने मेरा ध्यान खींच लिया। मैंने उससे पूछा कि क्या उसको ज़ोर से चोट लगी है। उसने यही कहा कि उसे इससे पहले कभी ऐसा दर्द नहीं हुआ था। तब मैंने उसे कहा कि हम किसी पास के हॉस्पिटल में जा सकते हैं। वो मेरी कार में बैठ गई, और हम चल पड़े। जब हम आगे बढ़े, मैंने अचरज भरी निगाहो से बाहर देखा तो सब कुछ शांत हो गया था, वो बिजली का कड़कना तेज़ हवाएं सब आखिर मेरे मुँह से निकल ही गया। क्या बात है सब कुछ इतनी जल्दी शांत कैसे हो गया । उसने दबी हुई आवाज में कहा शायद उनका किसी का इंतज़ार करना ख़तम हो गया हो ….
मेरे पास उस पल के लिए शब्द नहीं थे, जिसका मैंने साक्षी बनाया था। फिर मैंने उसके शादी के जोड़ों को देखकर पूछा, “क्या लड़का पसंद नहीं आया या आपको शादी नहीं करनी है?” वो समझ गई कि मैं किसकी बात कर रहा हूँ, लेकिन उसने कोई जवाब नहीं दिया। थोड़ी दूर जाने के बाद, उसने मुझे उसी सुनसान जंगल की ओर इशारा किया जहां एक कच्चे रास्ते में चल दी। मैंने उससे पूछा कि उसका पैर अभी ठीक नहीं है, तो उसने कहा कि वो चल सकती है। हमने थोड़ी दूर पर उसकी दादी के घर की ओर जाने का फैसला किया, और फिर मैंने और कुछ नहीं कहा, क्योंकि वह कार से बाहर निकल चुकी थी। मैंने अपनी कार को आगे बढ़ाया, और फिर कार के साइड विंडो से उसे देखने का प्रयास किया, लेकिन मैं उसे नहीं देख पाया। मैंने इस पर ध्यान नहीं दिया और आगे बढ़ गया।
फिर मैं अपने चाचा जी के घर पहुंचा। वहां लोग मुझे देखकर बहुत खुश हुए। फिर हम फ्रेश होकर डिनर पर गए। डिनर करते समय, चाचा जी ने मुझसे पूछा कि इतनी देर कैसे हो गयी। मैंने उनकी बात काट दी, फिर उन्होंने कहा, “कुछ और खाने को?” उसके बाद वे दूसरे विषय पर बात करने लगे और चाचा वो सवाल भूल गए। दिन बीत गए, लेकिन मैं उस घटना को भूल नहीं सका। मैं वहीं जगह पर गया, जहाँ मैंने उस लड़की को छोड़ा था, लेकिन वह नहीं दिखी। मैंने यह अपने दोस्त को बताया, और उसने बताया कि उस जगह पर बहुत सारे रोड एक्सीडेंट हो चुके हैं और मैं भाग्यशाली हूं कि मैं सलामत बाहर निकल गया। वहां पर कई कहानियाँ सुनने को मिलती हैं, और जिन लोगों ने रात को वहां जाने का प्रयास किया, वे वापस नहीं आए।
एक दिन मैं अपने चाचा जी के घर में उस रूम में गया, जो अकेला खड़ा था। वहां कुछ टूटी-फूटी कुर्सियाँ और बिखरी हुई वस्त्र मिले। मैंने एक चारपाई देखी और उस पर लेट गया। नहीं पता मुझे कब नींद लग गयी और मै इतनी गहरी नींद में चला गया की मै शब्दों में बयां नहीं कर सकता और नींद मै उस नींद में उसी लड़की को देखा और वो एक घर की तरफ़ इशारा की और मेरे हाथ को पकड़ कर ले जाने लगी और मैं चल उसके कदम से कदम चलने लगा। फिर वो कुछ दुरी पर मेरा हाथ छोड़ दी और मैं खड़ा रहा और वो उस घर की तरफ आगे बढ़ी जहां वो इशारा की उसने जैसे ही उस घर की दरवाजे को खोलो बहुत तेज़ अजीबो गरीब चीखने की आवाज आई और वो मुझे पलट के मुझे देखती रही और वो घर के साथ आग के गोले में समां गयी… जब मैं नींद से उठा, मेरा पूरा शरीर पसीने से भीग गया था। मैं उठकर चला गया और पूरे दिन उस घटना को याद करता रहा, उस लड़की के बारे में सोचता रहा कि वह कौन थी? अगले दिन मैं उसी जगह गया, थोड़ी दूर पर एक मकान के खंडहर मिले। मैंने वहां एक बूढ़े आदमी से पूछा कि यह मकान किसका था। उसने मुझे बताया कि वहां एक लड़की रहती थी, जिसकी शादी होने वाली थी, लेकिन उसके परिवार गैस के सिलेंडर फटने से मारे गए और उसकी शादी अधूरी रह गई, और वो अब अपने अधूरे प्यार की तलाश में है…
दिन बीते और वह फिर मेरे सपनों में नहीं आई, और मैं चाचा जी के घर से अपने घर को वापस चला गया। जीवन में कुछ ऐसे पल आते हैं, जिनका उत्तर हम नहीं पा सकते, लेकिन हम उन्हें यादें छोड़कर चले जाते हैं। मैं उसके बारे में क्या था, यह एक पहेली रह गई।