Drone क्या होता है? | India Drone Rule 2021 क्या है?

Drone क्या होता है? | India Drone Rule 2021 क्या है?

भारत हर दिशा में आगे बढ़ रहा है और इनोवेशन और टेक्नोलॉजी के मामले में नई ऊंचाइयां छू रहा है। वही ड्रोन भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। ड्रोन के माध्यम से फूड, मेडिकल सप्लाई जैसी सर्विस की डिलीवरी करना आसान हो गया है। अब तो ड्रोन का इस्तेमाल दुर्गम स्थानों में फंसे लोगों के Search और Rescue के लिए, यातायात और मौसम निगरानी के लिए, Photography के लिए, निगरानी के लिए, firefighting के तौर पर, खेती से जुड़े कार्यों और Home Delivery जैसे Businesses के लिए होने लगा है। लेकिन सवाल यह है की क्या ड्रोन कोई भी उड़ा सकता है या ड्रोन उड़ाने के कोई नियम और प्रक्रिया भी है। तो आइए जानते है ड्रोन और ड्रोन नियम 2021 के बारे में।

ड्रोन क्या है? (What is Drone in Hindi?)

Drone rule 2021 ke अनुसार ड्रोन एक मानवरहित aircraft है जिसे Unmanned Aerial Vehicles (UAVs) या Unmanned Aircraft Systems (UASs) के कहा जाता है। ड्रोन एक flying robot है जिसे remote के जरिए operate और control किया जाता है।

done rule 2021
image – unsplesh

ड्रोन का उपयोग (Use of Drone)

मानव रहित विमान प्रणाली (UAS), जिसे ड्रोन भी कहा जाना जाता है, अर्थव्यवस्था के लगभग हर क्षेत्र को भारी लाभ प्रदान करता है, जिसमें कृषि, बुनियादी ढांचे, आपातकालीन प्रतिक्रिया, मीडिया और मनोरंजन, परिवहन, भू-स्थानिक मानचित्रण, कानून प्रवर्तन और राष्ट्रीय रक्षा आदि शामिल हैं, लेकिन इन्हीं तक सीमित नहीं हैं।

अब Drone का उपयोग तो लगभग सभी जगह होने लगा है लेकिन इसका उपयोग अधिकतर सैन्य संबंधित कार्यों के लिए किया जाता है क्यूंकि ड्रोन एक मानवरहित एयरकार्फ्ट हैं जिसकी वजह से युद्ध के दौरान pilot की जान जाने का खतरा नहीं रहता।

आज कल ड्रोन का उपयोग सिविलियन भूमिकाओं में भी किया जाने लगा है, जैसे यातायात और मौसम निगरानी, photography, वस्तुओ की निगरानी, home delivery जैसे कार्यों के लिए होने लगा है।

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What is Drone rule 2021 in India?

भारत सरकार ड्रोन के अनुसंधान और विकास, परीक्षण, निर्माण और संचालन के लिए भारत को एक वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए भी कदम उठा रही है।
भारत सरकार भारत में एक विश्व-अग्रणी ड्रोन पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित करने के लिए काम कर रही है, जो लाखों ड्रोन द्वारा भारतीय हवाई क्षेत्र में सुरक्षित, कुशल और सुरक्षित पहुंच का समर्थन करने के लिए भौतिक और डिजिटल बुनियादी ढांचा तैयार करेगा।

भारत में नए ड्रोन नियमों को जारी करने से ड्रोन के लिए एक वैश्विक प्रमाणन और मान्यता ढांचा स्थापित करना संभव हो गया है जो पर्याप्त सुरक्षा उपाय प्रदान करते हुए विभिन्न ड्रोन प्रौद्योगिकियों के व्यावसायिक अनुप्रयोग को मापेगा। ड्रोन प्रमाणन योजना ड्रोन निर्माताओं के लिए ड्रोन के लिए एक प्रकार का प्रमाण पत्र प्राप्त करना आसान बनाती है। ड्रोन प्रमाणन कार्यक्रम से भारत में विश्व स्तरीय ड्रोन के निर्माण के लिए एक ईको-सिस्टम विकसित होने की संभावना है। आइए ड्रोन नियम 2021 पर एक नजर डालते हैं।

done rule 2021
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ड्रोन नियम 2021 (Drone Rule 2021) :

  • ड्रोन नियम 2021 के अनुसार, कोई भी व्यक्ति भारत में मानव रहित विमान प्रणाली का संचालन नहीं करेगा, जब तक कि इस तरह के मानव रहित विमान प्रणाली एक प्रकार के प्रमाण पत्र के अनुरूप न हो और डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म पर पंजीकृत न हो, जब तक कि इन नियमों के तहत निर्दिष्ट आवश्यकताओं से छूट न हो।
  • भारत में ड्रोन विनियमन किसी भी व्यक्ति पर लागू होगा जो भारत में मानव रहित विमान प्रणाली के मालिक या रखने, या पट्टे पर देने, संचालन, स्थानांतरित करने या बनाए रखने के साथ-साथ सभी पंजीकृत मानव रहित विमान प्रणालियों और वर्तमान में भारत में या उसके ऊपर उपयोग किए जा रहे हैं।
  • पहले ड्रोन रजिस्ट्रेशन या लाइसेंस के लिए सिक्योरिटी क्लियरेंस लेना पड़ता था जिसकी अब जरूरत खत्म हो गई है।
  • इसके अलावा ड्रोन ऑपरेट करने के लिए मंजूरी की फीस भी नॉमिनल कर दी गई है और इसका ड्रोन के वजन से कोई मतलब नहीं रहेगा यानी ड्रोन का वजन चाहे जितना भी हो, उसे उपयोग करने के लिए नॉमिनल फीस चुकाना होगा।
  • इस नियम तहत ड्रोन के कवरेज को 300 किग्रा से बढ़ाकर 500 किग्रा कर दिया गया है।
  • ड्रोन rule 2021 ke तहत ग्रीन जोन में ड्रोन को उड़ाने के लिए कोई मंजूरी नहीं लेनी होगी और एयरपोर्ट के आस-पास के इलाकों में 8-12 किमी के क्षेत्र में 200 फीट की ऊंचाई तक ऑपरेट करने के लिए भी मंजूरी नहीं लेनी होगी।
  • सभी ड्रोन का डिजिटल स्काई (Digital Sky) प्लेटफॉर्म के माध्यम से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
  • गैर-कॉमर्शियल प्रयोग के लिए नैनो ड्रोन और माइक्रो ड्रोन उड़ाने के लिए पायलट लाइसेंस की जरूरत नहीं होगी।
  • ड्रोन ऑपरेट करने के लिए प्रशिक्षण और परीक्षा ऑथराइज्ड ड्रोन स्कूल के जरिए किया जाएगा और इसी के माध्यम से पायलट लाइसेंस के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।
  • DGCA (Directorate General of Civil Aviation) ड्रोन प्रशिक्षण की जरूरतों, ड्रोन स्कूल की निगरानी करेगी और पायलट लाइसेंस जारी करेंगी।

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