डिजिटल रुपया क्या है ? | Know About Digital Rupiya or Digital Currency in Hindi
हम सब डिजिटल युग में जी रहे है। डिजिटल टेक्नोलॉजी का प्रयोग दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है। कोविड आने के कारण लोगो की ज़िंदगी में बहुत से बदलाव आए है जैसे लोग अब डिजीटल ट्रांजेक्शन ज्यादा कर रहे है। लोगो का झुकाव अब डिजीटल मुद्रा (Digital Currency) और क्रिप्टो के तरफ हो रहा है। डिजिटल मुद्राओं को लेकर पूरी दुनिया में दिवानगी बढ गई है। भारत सरकार भी डिजीटल मुद्रा का देशी संस्करण इसी बीत बर्ष में लाने की तैयारी कर रही है। भारत सरकार डिजीटल मुद्रा को डिजिटल रुपया के नाम से जारी करने का प्लान बना रही है। आइए जानते है डिजीटल रुपया क्या है?
डिजीटल रुपया क्या है? (What is Digital rupiya in Hindi?)
भारत सरकार एक अप्रैल से शुरू होने वाली 2022-2023 वित्त वर्ष में डिजीटल मुद्रा का देशी संस्करणे पेश करने वाली है। डिजीटल रूपया भौतिक रूप से प्रचलित रुपिया को डिजिटल रूप को प्रतिबिंबित करेगा।
वित्त मंत्री द्वारा पेश 2022-23 के आम बजट के अनुसार ‘डिजिटल रुपया’ नामक डिजीटल मुद्रा, रिजर्व बैंक द्वारा डिजिटल रूप में जारी किया जायेगा और इसे भौतिक मुद्रा यानि रूपया के साथ बदला जा सकेगा।
What is Central Bank Digital currency (CBDC क्या है?)
सीबीडीसी (CBDC) का फुल फार्म सेंट्रल बैंक ऑफ डिजीटल करेंसी) होता है। CBDC किसी देश के केंद्रीय बैंक द्वारा डिजिटल रूप में जारी किया जाने वाला डिजीटल मुद्रा है। इसे डिजीटल फिएट करेंसी या डिजीटल बेस मनी भी कहा जाता है। यह फिएट मुद्रा की तरह है और इसके माध्यम से लेनदेन किया जा सकता है।
CBDC एक केंद्रीय बैंक जारी डिजिटल या वर्चुअल करेंसी है, जिसकी तुलना प्राइवेट वर्चुअल करेंसी या क्रिप्टो करेंसी से नहीं की जा सकती है।
Crypto Currency (क्रिप्टो करेंसी)
पिछले एक दशक में प्राइवेट डिजीटल करेंसी या वर्चुअल करेंसी जैसे क्रिप्टो, बिटकॉइन का चलन काफी तेजी से बढ़ा है। प्राइवेट डिजिटल करेंसी किसी भी व्यक्ति की देनदारियों का प्रतिनिधित्व नहीं करती हैं क्योंकि उनका कोई जारीकर्ता नहीं है जबकि सीबीडीसी किसी देश के केंद्रीय बैंक द्वारा जारी किया जाता है। प्राईवेट करेंसी जैसे क्रिप्टो, बिटकॉइन निश्चित रूप से करेंसी नहीं हैं। इससे राष्ट्रीय सुरक्षा और वित्तीय स्थिरता भी प्रभावित हो सकता हैं,इसी लिए RBI इसका विरोध कर रहा है।
CBDC के आने से फायदा क्या है?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी ने 2022-23 के बजट भाषण में कहा CBDC की शुरुआत से डिजिटल अर्थव्यवस्था को बड़ा बढ़ावा मिलेगा। उनका कहना है कि “डिजिटल करेंसी से एक अधिक दक्ष तथा सस्ती करेंसी प्रबंधन व्यवस्था वजूद में आएगी। डिजिटल करेंसी ब्लॉक चेन और अन्य टेक्नोलॉजी का उपयोग करेगी”।
आसान शब्दों में कहें तो सीबीडीसी एक वाणिज्यिक बैंक के बजाय एक केंद्रीय बैंक यानी RBI द्वारा जारी एक डिजिटल मुद्रा होगा।
Tax on Digital currency or virtual currency in India (डिजीटल करेंसी या वर्चुअल करेंसी पर टैक्स)
प्राईवेट वर्चुअल करेंसी या प्राईवेट डिजिटल करेंसी (जैसे क्रिप्टो करंसी) से होने वाली कमाई पर 30 फीसदी टैक्स लगेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी पर विचार-विमर्श शुरु किया गया है और जो निस्कर्ष आएगा उसके बाद हम इस पर कायदे-कानून बनाने पर विचार करेंगे।
बितमंत्री ने क्रिप्टोकरेंसी और अन्य प्राइवेट डिजिटल Assets पर टैक्सेशन को स्पष्ट किया। उन्होंने प्राइवेट डिजिटल करेंसी के लेनदेन से होने वाली कमाई पर 30 प्रतिशत टैक्स लगाने की घोषणा की है। डिजीटल एसेट को कर के दायरे में लाने के लिये इस संपत्ति की श्रेणी में एक सीमा से अधिक के लेन-देन पर एक प्रतिशत टीडीएस लगाने का भी प्रस्ताव किया गया है।
डिजिटल रूपया (CBDC) और क्रिप्टो करेंसी में अंतर क्या है?
वित्त मंत्री द्वारा केंद्रीय बजट 2022-23 में डिजिटल रुपये को लेकर कई घोषणाएं की गई हैं । लेकिन लोगो को अभी भी कंफ्यूज हैं कि सीबीडीसी (डिजिटल करेंसी) को सरकार हां कर रही है और साथ ही बिटक्वाइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी को ना कर रही है। आइए इन दोनो के बीच के अन्तर को समझते हैं।
CBDC (Digital currency)
विशेषज्ञों के अनुसार डिजिटल रुपये (Digital currency) की अवधारणा बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी से प्रेरित है। डिजीटल रूपया (CBDC) केंद्रीय बैंक द्वारा जारी डिजीटल करेंसी होता है जबकि बिटकॉइन (क्रिप्टो करेंसी) एक प्राईवेट वर्चुअल करेंसी है।
Central Bank Digital currency (CBDC) केंद्रीय बैंक के नियमों के अनुसार होता है जबकि बिटक्वाइन (क्रिप्टो करेंसी) अनियंत्रित होती है।
क्रिप्टोकरेंसी का प्रबंधन एक कंप्यूटर एल्गोरिथम द्वारा किया जाता है वहीं डिजिटल करेंसी को केंद्रीय बैंक द्वारा नियंत्रित किया जाता है।
डिजिटल रुपये(CBDC) को सेंट्रल सरकार की मान्यता मिली होती है। इसके साथ ही डिजिटल रुपया केंद्रीय बैंक की बैलेंसशीट में भी शामिल होगी और इसे देश की सॉवरेन करेंसी में बदला जा सकता है।
ऐसा भी प्रस्ताव है कि देश में डिजिटल करेंसी को बैंक नोट की परिभाषा में रखा जाए। इसके लिए RBI ने कानून में संशोधन का प्रस्ताव भी दिया है।
डिजिटल करेंसी या वर्चुअल करेंसी के फायदे क्या है? | Advantages of Digital Currency or Virtual Currency
- तेजी से लेन-देन होगा
- सरकार बाजार में करेंसी को सही से नियंत्रित कर पाएगी।
- बैंक खाते की जरूरत नहीं पड़ेगी।
- कोई गैरकानूनी लेन-देन नहीं हो पाएगा।
- ऑफलाइन भी लेन-देन करना संभव हो जाएगा।
- नोट छापने की तुलना में डिजीटल रुपया कम खर्चीला होगा।
- हर एक डिजिटल रुपये पर सरकार की नजर होगी।
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