Noida Sector 93A में बना Supertech's Twin Towers कोर्ट के आदेश पर 2:30PM, 28 August, 2022 को गिरा दिया गया।
लगभग 1 साल पहले 31 अगस्त 2021 को देश कि सबसे बड़ी अदालत ने Noida Sector 93A में बने सुपरटेक ट्विन टावर (Supertech Twin Towers) को अवैध घोषित कर दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने ये माना था कि ट्विन टावर को बनाने में नियमों की अनदेखी हुई है। अधिकारियों ने कहा कि वर्तमान में दो टावरों के बीच न्यूनतम दूरी 6 मीटर और अधिकतम 16 मीटर है, जो ऊंचाई पर निर्भर करता है।
दरअसल, ट्विन टावर के बगल में बनी सोसाइटी के दूसरे टावर के लोगों ने ट्विन टावर के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ी थी। क्योंकि उनका मानना था ये अवैध तरीके से बनाया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने उनके आराेप को सही पाया और ३२ मंजिला ट्विन टावर को अवैध घोषित करके गिराने का आदेश दिया।
नेशनल बिल्डिंग कोड का नियम है कि किसी भी दो आवासीय टावर के बीच में कम से कम 16 मीटर की दूरी जरूर होनी चाहिए लेकिन इस प्रोजेक्ट में टावर नंबर 1 और ट्विन टावर में 9 मीटर से भी कम की दूरी थी।
Twin Towers के खंभों के करीब 7,000 छेंदो (प्रत्येक छेद 2 मीटर का है मतलब 14 किमी छेद में विस्फोटक भरे गए थे) में 3,700 किलोग्राम विस्फोटक डाला गया था।
सभी विस्फोटकों को एक साथ जोड़ने के लिए 20,000 सर्किट बनाए गए थे। एक बटन दबाकर पूरे टॉवर को कुछ ही पलों में ध्वस्त कर दिया गया।
Supertech Twin Towers को गिराने के लिए वाटरफॉल तकनीक का इस्तेमाल किया गया था। जब टावर में लगे विस्फोटक को ट्रिगर किया गया तो पूरा टॉवर सीधे नीचे की ओर गिरते हुए ध्वस्त हो गया। इस तरीके से टावर के गिरने की प्रक्रिया को वाटरफॉल तकनीक कहा जाता है।