भारत में बना पहला स्वदेशी विमान वाहक (Aircraft Carrier) जहाज जिसका नाम INS विक्रांत है। इस विमान वाहक जहाज का वजन लगभग 40 हजार टन है और यह अब तक का भारत में बना सबसे बड़ा युद्धपोत (Warship) है।
Indigenous Aircraft Carrer
Image - Twitter
इस पोत का नाम 'INS विक्रांत' भारतीय नौसेना के पूर्ववर्ती पोत विक्रांत के नाम पर रखा गया है, जिसने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में अहम भूमिका निभाई थी। इस पोत का डिजाइन नौसेना के वारशिप डिजाइन ब्यूरो ने तैयार किया है। वहीं निर्माण सार्वजनिक क्षेत्र की शिपयार्ड कोचिन शिपयार्ड लिमिटेड ने किया है। इस पोत पर आसानी से 30 विमानों का संचालन किया जा सकता है।
Image - Twitter
केरेला के कोची सहर में स्थित कोचीन शिपयार्ड (Cochin Shipyard) पर तैयार किए गए इस विमान वाहक पोत के निर्माण में 20,000 करोड़ रुपये की लागत आई है। INS विक्रांत जहाज का निर्माण 2009 में शुरू हुआ और 2022 तक बनकर तैयार हो गया। इस जहाज को बनाने में कुल 13 वर्ष का समय लगा।
Image - Twitter
INS विक्रांत एयरक्राफ्ट करियर समुद्र के ऊपर तैरता एक एयरफोर्स स्टेशन है जहां से फाइटर जेट्स, मिसाइलें, ड्रोन के जरिए दुश्मनों के नापाक मंसूबों को नेस्तनाबूद किया जा सकता है। INS विक्रांत जहाज पर लगभग 1600 सैनिकों की तैनाती कर सकते है। इस जहाज की लंबाई 262m (860ft) तथा ऊंचाई लगभग 60m (197ft) है और इसकी रफ्तार 28 नार्टिकल माइल्स है।
Image - Twitter
INS विक्रांत एयरक्राफ्ट करियर से 32 बराक-8 मिसाइल दागी जा सकेंगी। INS विक्रांत जहाज 20 मिग-29 लड़ाकू विमान और दस हेलीकॉप्टरों को ले जाने में सक्षम है।
Image - Twitter
इंडियन नेवी को शुक्रवार को नया नौसेना ध्वज यानी निशान मिला। इसमें पहले लाल क्रॉस का निशान होता था। इसे हटा दिया गया है। अब बाईं ओर तिरंगा और दाईं ओर अशोक चक्र का चिह्न है। इसके नीचे लिखा है- शं नो वरुण: यानी वरुण हमारे लिए शुभ हों।
Image - Twitter
पहले नौसेना के झंडे पर लाल क्रॉस का निशान होता था। ये सेंट जॉर्ज क्रॉस था, जो अंग्रेजों के झंडे यूनियन जैक का हिस्सा था। सेंट जॉर्ज क्रॉस ईसाई संत और योद्धा की निशानी थी। 2001 में लाल क्रॉस हटाया गया और 2004 में इसे फिर लगा दिया गया। 2001 से 2004 इसमें अशोक चिह्न को रखा गया। 2014 में अशोक चिह्न के नीचे सत्यमेव जयते लिखा गया।