दिल्ली सरकार ने अकुशल, अर्धकुशल, कुशल श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी बढ़ाई
दिल्ली सरकार ने दिवाली से पहले अकुशल (Unskilled) , अर्ध-कुशल (Semi-skilled) और कुशल (Skilled) श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी में वृद्धि की है। संशोधित मासिक वेतन 1 अक्टूबर से प्रभावी होगा।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली में सभी श्रमिकों को महंगाई से राहत देने के लिए दिल्ली सरकार हर छह महीने में महंगाई भत्ते में संशोधन कर रही है।
इस कदम से दिल्ली सरकार की सभी अनुसूचित रोजगार श्रेणियों को लाभ होगा, जिनमें अकुशल, अर्ध-कुशल, कुशल और अन्य श्रमिक शामिल हैं। इससे लिपिक और पर्यवेक्षी पदों पर बैठे लोगों को भी लाभ होगा।
दिल्ली द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, अकुशल श्रमिकों (Unskilled Workers) का वेतन 16,506 रुपये से बढ़कर 16,792 रुपये हो जाएगा, अर्ध-कुशल श्रमिकों (semi-skilled workers)का वेतन 18,187 रुपये से बढ़कर 18,499 रुपये और कुशल श्रमिकों का वेतन 20,019 रुपये से बढ़कर 20,357 रुपये हो जाएगा।
पर्यवेक्षी और लिपिक संवर्ग के कर्मचारियों के लिए न्यूनतम वेतन दरों को भी संशोधित किया गया है। गैर-मैट्रिक कर्मचारियों का मासिक वेतन 18,187 रुपये से बढ़कर 18499 रुपये हो गया है, जबकि मैट्रिक वाले कर्मचारियों का मासिक वेतन 20,019 रुपये से बढ़कर 20,357 रुपये हो गया है।
स्नातकों और उच्च शैक्षणिक योग्यता वाले लोगों के लिए मासिक वेतन 21,756 रुपये से बढ़ाकर 22,146 रुपये कर दिया गया है।
"अन्य राज्यों की तुलना में, दिल्ली में न्यूनतम मजदूरी सबसे अधिक है।"