Sad Quotes in Hindi 2022 | Sad shayari in Hindi
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Sad Shayari in Hindi
कुछ ग़मों का होना भी जरूरी है ज़िन्दगी में,
ज़िंदा होने का अहसास बना रहता है।
नजरों में दोस्तों की जो इतना खराब है,
उसका कसूर ये है कि वो कामयाब है।
हर मर्ज़ का इलाज नहीं दवाखाने में,
कुछ दर्द चले जाते है, दोस्तो के साथ मुस्कुराने में।
जो कहना था तुमसे, कागज से कह गए,
यू लिफाफे में बंद मेरे, अरमान रह गए।
दर्द से दूर जो रहते हैं बिखर जाते हैं, दर्द को झेलने वाले ही निखर पाते हैं।
कुछ इसलिए भी लोग अकसर खफा रहते है मुझसे,
क्योंकि मेरे लब वही कहते है जो मेरे दिल में होता है।
भरोसा, जो हर किसी पे नहीं होता है
और जब टूटता है इक दफा तो,
फिर किसी पर भी नहीं होता है।
बेच दू क्या सारी परेशानियो को,
मौत अच्छा दाम दे रही है।
खुद को समेट के, खुद में सिमट जाते हैं हम,
एक याद उसकी आती है,फिर से बिखर जाते है हम।
तुम्हारा एक पल साथ खरीदने के लिए,
थोड़ी-थोड़ी ज़िन्दगी रोज़ बेचते हैं हम।
दुनिया तो एक ही है,
फिर भी सबकी अलग अलग है।
कभी बेपनाह बरसी, तो कभी गुम सी हैं,
ये बारिशें भी कुछ कुछ तुम सी हैं।
हक़ीक़त को तलाश करना पड़ता है,
अफवाहें तो घर बैठे आप तक पहुँच जाती है।
जलने वाले की दूआ से ही सारी बरकत है,
वरना अपना कहने वाले तो याद भी नही करते।
एक सिलसिले की उम्मीद थी जिनसे,
वही फ़ासले बनाते गये,
हम तो पास आने की कोशिश में थे,
ना जाने क्यूँ वो हमसे दूरियाँ बढ़ाते गये।
दर्द आँखों से निकला तो सबने बोला कायर है ये,
जब दर्द लफ़्ज़ों से निकला तो सब बोले शायर है ये।
कैसे सोऊँ सुकून की नींद मैं साहब…,
सुकून से सुलाने वालों के तो शव आ रहें हैं।
छुपी होती है लफ्जों में बातें दिल की,
लोग शायरी समझ के बस मुस्कुरा देते हैं।
किताब ए इश्क़ में क्या कुछ दफ़्न मिला,
मुड़े हुए पन्नों में एक भूला हुआ वादा मिला।
मशहूर होने का शौक़ किसे है,
मुझे तो मेरे अपने ही ठीक से पहचान लें तो भी काफ़ी है।
उम्र भर गालिब यही भूल करता रहा…!!
धूल चेहरे पर थी ओर आईंना साफ करता रहा..!!
जनाजा मेरा उठ रहा था,
फिर भी तकलीफ थी उसे आने में,
बेवफा घर में बैठी पूछ रही थी,
और कितनी देर है दफनाने में।
कुछ ख़त आज फिर डाकघर से लौट आये,
डाकिया बोला जज़्बातों का कोई पता नहीं होता।
मैं ख्वाहिश बन जाऊँ और तुम रूह की तलब
बस यूँ ही जी लेंगे दोनों मोहब्बत बनकर
दुआ ये है मेरी कि दर्द तुम्हारा हर कम हो जाये,
चाहे हर बार दर्द से मेरी आँखें नम हो जाये
रिश्तों के दलदल से, कैसे निकलेंगे,
जब हर साज़िश के पीछे, अपने निकलेंगे।
तुम पुछो और मैं ना बताऊँ, अभी ऐसे हालात नही,
बस एक छोटा सा दिल टुटा है,और कोई बात नही
अगर अपनी किस्मत लिखने का जरा सा भी हक हो मुझे
तो अपने नाम के साथ तुझे हर बार लिखुं
बहुत करीब आ जाते हैं वो लोग,
जो बिछड़ने का पहले से इरादा रखते हैं
मोबाईल बजता रहता है तकिये के बगल में,
रिश्ते खामोश हो कर कब के सो गए
काश यूँ ही प्यार से गुज़रे हर शाम हमारी,
मेरे होठों की खुशी बनो तुम और मैं तुम्हारी
मुझे उदास देख कर उसने कहा,
मेरे होते हुए तुम्हे कोई दुख नहीं दे सकता,
फिर ऐसा ही हुआ,
ज़िन्दगी में जितने भी दुःख मिले उसी से मिले
नींद आए या ना आए…
चिराग बुझा दिया करो
यूँ रात भर किसी का जलना,
हमसे देखा नहीं जाता…!!
पता नही होश में हूँ या बेहोश हूँ मै
पर बहुत सोच समझकर खामोश हूँ मै
चल आ तेरे पैरो पर मरहम लगा दूं ऐ मुक़द्दर.
कुछ चोटे तुझे भी आई होगी,
मेरे सपनो को ठोकर मारकर।
गुजरो न बस तुम एक ख्याल की तरह
आ जाओ जिन्दगी में नये साल की तरह
तुम अपनी ‘हद्द’ में रहा करो,
आजकल बे’हद्द’ याद आने लगे हो
इश्क की दुनिया के कायल सब है ,
कोई कह देता है, कोई छुपा लेता है मगर घायल सब है
रात के इस सन्नाटे में हमने क्या-क्या धोके खाए है,
अपना ही जब दिल धड़का तो हम समझे वो आए है
जिंदगी में प्यार क्या होता है वो उस शख्स से पूछो,
जिसने दिल टूटने के बाद भी इंतजार किया हो !!
जितना मुश्किल किसी को पाना होता है,
उस से ज्यादा मुश्किल किसी को भुलाना होता है।
हक़िक़त मे जिना जब आदत बन जाती है,
ख्वबोन की दुनिया बेरंग नजर आती है
कोई इंतेजार करता है जिंदगी के लिए
किसी की जिंदगी इंतेजार मे ही गुझर जाती है
हम कुछ ना कह सके उनसे, इतने जज्बातों के बाद,
हम अजनबी के अजनबी ही रहे इतनी मुलाकातो के बाद
दर्द जितना है मेरी निगाहो मे
पाओगे ना उतना किसी की राहो मे
बितानी चाहते थे ज़िंदगी जिसकी बाहो मे
मौत भी ना मिल पाई उनकी पनाहो मे…
अभी तक ज़िंदा हूँ मैं तेरे सितम उठाने के लिये,
तरकीब कोई और है तो आजमा ले दिल दुखाने के लिये।
तन्हाइयों के लम्हें अब तेरी यादों का पता पूछते हैं…
तुझे भूलने की बात करूँ तो ये तेरी खता पूछते हैं…
ज़रा सी मोहब्बत क्या पी ली
जिंदगी अब तक लडखडा रही है
ए दिल जरा धीरे से धड़कना,
कहीं चोट ना लग जाए उसे जो इस दिल में रहता है।
बहुत अंधेरा है ऐ इश्क़ तेरी गलियों मे,
हमने दिल भी जलाया फिर भी रोशनी ना हुई।
बड़ी मुस्किल से सीखा है खुश रहना उन के बगैर
अब सुना है ये बात भी उन्हे परेशांन करती है।
फिर एक दिन ऐसा भी आया जिन्दगी में,
कि मैंने तेरा नाम सुनकर मुस्कुराना छोड़ दिया
रुलाया ना कर हर बात पर ए जिंदगी,
जरूरी नहीं सबकी किस्मत में चुप कराने वाले हो
मेरे लफ्ज़ मेरी पहचान बने तो बेहतर है,
चेहरे का क्या वो तो साथ चला जाएगा
ना जाने मेरी मौत कैसी होगी,
पर ये तो तय है की तेरी बेवफाई से तो बेहतर होगी।
हम नादान अच्छे है दुनियाँ के समझदार लोगों से…
हम अपने खवाब जरुर तोड़ते है पर किसी का दिल नहीं
रात भर भटका है मन मोहब्बत के पते पे
चाँद कब सूरज में बदल गया पता नहीं चला
ज़हर तो ख्वामखाह ही बदनाम है..
नज़र घुमा कर देख लो..
शक्कर से मरने वालों की तादाद बेशुमार हैं।
समझे थे तुमसे दूर निकल जायेंगे कहीं,
देखा तो हर मकाम तेरी रहगुजर में है।
इक बात कहूँ ए इश्क, बुरा तो नहीँ मानोगे
बङी मौज के दिन थे, तेरी पहचान से पहले
जिनकी आंखें आंसू से नम नहीं,
क्या समझते हो उसे कोई गम नहीं,
तुम तड़प कर रो दिये तो क्या हुआ,
गम छुपा के हंसने वाले भी कम नहीं..
कलम चलती है तो दिल की आवाज लिखता हूँ
गम और जुदाई के अंदाज़-ए-बयां लिखता हूँ
रुकते नहीं हैं मेरी आँखों से आंसू
मैं जब भी उसकी याद में अल्फाज़ लिखता हूँ।
किसी की गलतियों को यू बे-नक़ाब ना करो,
खुदा बैठा है.. तुम हिसाब ना करो।
ये चांद की आवारगी भी यूंही नहीं है,
कोई है जो इसे दिनभर जला कर गया है।
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