2023 में पितृ पक्ष कब है? | Pitru Paksha 2023 Start Date and Time

2023 में पितृ पक्ष कब है? | Pitru Paksha 2023 Start Date and Time

2023 में पितृ पक्ष (Pitru Paksha Kab Hai 2023) 29 सितंबर को हिंदू पंचांग के हिसाब से अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि, यानी कि दिनांक 29 सितंबर, शुक्रवार को शुभारंभ होगा।

2023 में पितृ पक्ष की शुरुआत 29 सितंबर, शुक्रवार से होगी और समापन 14 अक्टूबर, शनिवार को होगा।

पितृ पक्ष की मान्यता (The belief of Pitru Paksha)

पितृ पक्ष से जुड़ी पौराणिक कथा हिन्दू धर्मग्रंथों में पाई जाती है, जिसमें यह कथा वर्णित है कि द्वापर युग में, महाभारत के युद्ध के दौरान, कर्ण का निधन हो गया और उनकी आत्मा स्वर्ग पहुंची। स्वर्ग में, उन्हें नियमित भोजन नहीं मिल रहा था, इसके बजाय, उन्हें सोना और आभूषण दिए गए थे जो कर्ण को खाने के लिए आवश्यक नहीं थे। इससे कर्ण की आत्मा निराश हो गई, और उन्होंने इस विषय में इंद्र देव से पूछा कि उनको वास्तविक भोजन क्यों नहीं दिया जा रहा है। तब इंद्र देव ने इसके कारण का खुलासा किया और कहा कि आपने अपने पूरे जीवन में इन सभी चीजों का दान दूसरों को किया है, लेकिन कभी अपने पूर्वजों और पुरखों के लिए कुछ नहीं किया है। इसके उत्तर में, कर्ण ने कहा कि उनको अपने पूर्वजों के बारे में जानकारी नहीं थी और इसे सुनकर, भगवान इंद्र ने उनको 15 दिनों की अवधि के लिए पृथ्वी पर वापस जाने की अनुमति दी, ताकि वह अपने पूर्वजों के लिए श्राद्ध कर्म कर सकें। वर्तमान में, इनी 15 दिनों की अवधि को ‘पितृ पक्ष’ के रूप में जाना जाता है।

पहली तिथि से अंतिम तिथि तक की पूरी जानकारी (Pitru Paksha 2023 start date and time)

पितृ पक्ष की तिथियां इस प्रकार हैं:

29 सितंबर, शुक्रवार – भाद्रपद पूर्णिमा
30 सितंबर, शनिवार – प्रतिपदा
1 अक्टूबर, रविवार – द्वितीया
2 अक्टूबर, सोमवार – तृतीया
3 अक्टूबर, मंगलवार – चतुर्थी
4 अक्टूबर, बुधवार – पंचमी
5 अक्टूबर, गुरुवार – षष्ठी
6 अक्टूबर, शुक्रवार – सप्तमी
7 अक्टूबर, शनिवार – अष्टमी
8 अक्टूबर, रविवार – नवमी
9 अक्टूबर, सोमवार – दशमी
10 अक्टूबर, मंगलवार – एकादशी
11 अक्टूबर, बुधवार – द्वादशी
12 अक्टूबर, गुरुवार – त्रयोदशी
13 अक्टूबर, शुक्रवार – चतुर्दशी
14 अक्टूबर, शनिवार – सर्व पितृ अमावस्या


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पितृ पक्ष के दौरान पितरों के निमित्त पिण्डदान, तर्पण और श्राद्ध कर्म किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि पितरों को तृप्त करने से वे प्रसन्न होते हैं और अपने वंशजों को आशीर्वाद देते हैं।

Saurabh

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