गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima): शिक्षा के प्रकाश से जीवन को समृद्ध करें | जाने गुरु पूर्णिमा का महत्व
Guru Purnima 2023, भारतीय संस्कृति में गुरु का स्थान अत्यंत महत्वपूर्ण है। गुरु पूर्णिमा, भारतीय परंपरा में एक महत्वपूर्ण त्योहार है जिसे हर साल अधिकांश लोग मनाते हैं। यह त्योहार गुरुओं को आदर्श बनाता है और उनकी महिमा को याद करने का एक अवसर प्रदान करता है। इस लेख में हम गुरु पूर्णिमा के बारे में बात करेंगे और इसे क्यों मनाया जाता है।
महत्वपूर्ण तिथि (Important Date for Guru Purnima 2024)
गुरु पूर्णिमा हिंदू पंचांग के अनुसार श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाई जाती है। यह तिथि हिंदू कैलेंडर के अनुसार वैशाख मास के बाद आने वाले पहले पूर्णिमा को भी कहा जाता है। इस वर्ष, गुरु पूर्णिमा 21 जुलाई को मनाई जाएगी।
गुरु पूर्णिमा का महत्व (Importance of Guru Purnima)
गुरु पूर्णिमा का अर्थ होता है “गुरु की पूजा करने का दिन”। इस दिन गुरु को स्वयं को शिष्यों के सामर्थ्य और धन्यता का प्रतीक बताया जाता है। गुरु पूर्णिमा के दिन छात्रों और शिष्यों को अपने गुरु का आदर करने का मौका मिलता है, जिन्होंने उन्हें ज्ञान के आदान-प्रदान में मदद की है। इस दिन लोग गुरु के पास जाकर उन्हें धन्यवाद देते हैं और उनसे आशीर्वाद लेते हैं।
गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु की पूजा करके हम उन्हें आदर और सम्मान प्रदान करते हैं। हम उनकी ज्ञान की महिमा को याद करते हैं और उनके साथ अपने आभार का अभिव्यक्ति करते हैं। गुरु पूर्णिमा हमें यह सिखाता है कि हमें हमारे जीवन में गुरु का सम्मान करना चाहिए और उनकी शिक्षा को अपनाना चाहिए।
गुरु का महत्व (Importance of Guru)
गुरु का स्थान संसार में अत्यंत महत्वपूर्ण है। हम अपने जीवन में अनेक गुरु बनाते हैं, जैसे कि माता-पिता, शिक्षक, वृद्ध आदि। गुरु हमें ज्ञान, मार्गदर्शन और समझदारी देते हैं। वे हमारे जीवन में संजीवनी का कार्य करते हैं और हमें अधिक समृद्ध और उद्धारशील बनाने में मदद करते हैं। गुरु हमें सही मार्ग दिखाते हैं और हमें उच्चतम मानवीय गुणों का अभ्यास करने की प्रेरणा देते हैं।
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गुरु पूर्णिमा कैसे मनाया जाता है (How Guru Purnima is celebrated)
गुरु पूर्णिमा के दिन लोग अपने गुरु के पास जाते हैं और उन्हें आदर से दंडवत प्रणाम करते हैं। वे गुरु को वस्त्र और विभूषणों से आभूषित करके उन्हें उपहार देते हैं। इसके अलावा, गुरु पूर्णिमा पर धार्मिक सभाएं, कार्यशालाएं और साधु-संतों के सत्संग भी आयोजित किए जाते हैं। इन आयोजनों में गुरुओं के सम्मान में वाणी, संगीत, कविता और भजन आदि कार्यक्रम होते हैं।
गुरु पूर्णिमा भारतीय संस्कृति में एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो गुरु को आदर्श बनाता है और उनकी महिमा को याद करने का अवसर प्रदान करता है। यह दिन छात्रों और शिष्यों को गुरु के प्रति आभार व्यक्त करने का मौका देता है। गुरु पूर्णिमा हमें यह बताता है कि हमें हमारे जीवन में गुरु का सम्मान करना चाहिए और उनकी शिक्षा को अपनाना चाहिए। इस गुरु पूर्णिमा, हम सभी अपने गुरु का आभार व्यक्त करें और उनके मार्गदर्शन में चलकर अपने जीवन को उन्नत बनाने का संकल्प लें।
आपको गुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं!
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