Mental Stress or Depression को कैसे कम करें?

Mental Stress or Depression को कैसे कम करें?

डिप्रेशन (Depression) से बाहर निकलने के उपाय, आजकल की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में हम सब इतने व्यस्त है की ख़ुद के बारे में दो मिनट रुक कर सोचने की फ़ुर्सत नहीं है। और यही व्यस्तता हमें डिप्रेशन यानी अवसाद की ओर ले कर जा रही है।

WHO की रिपोर्ट के अनुसार पिछले एक दशक में डिप्रेशन (Depression) के मामलों में 18% की बढ़ोतरी हुई है। डिप्रेशन की समस्या आजकल आम हो गई है। कई बार डिप्रेशन के कारण मन में नाकारात्मक विचार आने लगते है। लेकिन अगर शुरुआत में ही इसके लक्षणों को पहचान कर दूर करने का प्रयास किया जाय तो बिना किसी की मदद से डिप्रेशन से छुटकारा पाया जा सकता है।

अवसादग्रस्त व्यक्ति खुद को अकेला कर लेता है क्यू की सामने वाला उसकी परेशानी को समझ न पाता। बहुत कम ही लोग ऐसे होते है जो डिप्रेशन से बाहर निकलने में मदद करते है। अगर आप अकेले है तो भी घबराने की कोई बात नहीं है क्यू की आप अकेले भी डिप्रेशन से बाहर निकल सकते है।

यदि आपको डिप्रेशन से बचना है तो इस बारे में खुलकर बात करें, खुद को समय दे, अपनी केयर करे। रोजमर्रा की जिंदगी में छोटे छोटे बदलाव ला कर अपने आप को डिप्रेशन से बचा सकते है। आइए जानते है डिप्रेशन से बाहर निकलने के कुछ तरीके।

रोज़ाना व्यायाम करे

रोजाना व्याम करने से दिमाग में हैप्पी हॉर्मोन्स का उत्पादन बढ़ता है, जो मूड को खुशनुमा बनाने में मदद करता हैं और डिप्रेशन (Depression) से बाहर आने में मदद मिलती हैं। व्यायाम से हम न केवल सेहतमंद बनते हैं, बल्कि शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

कई वैज्ञानिक शोध प्रमाणित करते हैं कि व्यायाम अवसाद को दूर करने का सबसे अच्छा तरीक़ा है। जब हम व्यायाम करते हैं तब सेरोटोनिन और टेस्टोस्टेरोन जैसे हार्मोन्स रिलीज़ होते हैं, जो दिमाग़ को स्थिर करते हैं जिससे डिप्रेशन को बढ़ाने वाले विचार आने कम हो जाते है।

आजकल लोग क्यों Mental Stress or Depression का सामना कर रहे है? | What is Mental Stress?

रोजाना मेडिटेशन करे

ध्यान व योग को दिनचर्या में शामिल करें। रोजाना मेडिटेशन करने से दिमाग से नकारात्मक विचार निकल जाते हैं। मन शांत रहता है और मन में सकारात्मक बिचारो का संचार होता है, साथ ही अपने मन के ऊपर नियंत्रण होने लगता है। धीरे धीरे आप अध्यात्म के सहारे खुद को अकेला नहीं समझते हैं और डिप्रेशन से उबरने लगते है।

दोस्तो संग क्वालिटी टाइम स्पेंड करे

रोजाना बाहर टहलने जाएं या अपने मनपसंद जगह घूमने जाए।अपना कुछ समय दोस्तो के साथ बिताए। हर वह काम करे जिसमें आपको खुशी मिलती है जरूर जैसे प्रकृति के करीब समय बिताना। कभी-कभी कॉफी शॉप में कुछ समय बिताएं या बाहर खाना खाने जाएं। इससे मन में उत्साह बना रहेगा और डिप्रेशन से बाहर निकलने में मदद मिलेगी।

सेहतमंद और संतुलित आहार ले

सेहतमंद और संतुलित खानपान से मन ख़ुश रहता है। रोजाना समय से सेहंतमंद और संतुलित आहार ग्रहण करे। तली भुनी चीजे चीजे खाने से एसिडिटी और तरह तरहकी समस्या होती है इस लिए तली भुनी चीजे कम खाए जिससे आपका शरीर स्वस्थ रहे। और जब शरीर स्वस्थ रहेगा तो डिप्रेशन से बाहर निकलने में मदद मिलेगी।

संगीत सुने

जब भी लोगो का मूड खराब होता है तो लोग संगीत सुनना पसंद करते हैं। जब भी लोग तनावग्रस्त होते हैं तो संगीत सुनकर उन्हें अच्छा लगता है। म्यूजिक आपके तनाव (Stress) और अवसाद को कम करने में मदद करता है। आप म्यूजिक की सहायता से अपना मूड बेहतर बना सकते हैं।

कई वैज्ञानिक शोधों द्वारा यह प्रमाणित हो चुका है की संगीत में मूड बदलने, मन को अवसाद से निकालने की अद्‍भुत ताक़त होती है।

इसलिए जब भी मानसिक रूप से परेशान हों तो अपना पसंदीदा गाना सुनें इससे डिप्रेशन से बाहर निकलने में मदद मिलेगी। पर इसके साथ ही एक और ख़्याल रखें, ज़रूरत से ज़्यादा भी गाने सुनना आपके तनाव (Stress) को बढ़ा सकता है।

लंबी लंबी श्वास ले

अगर आप तनाव में हो तो गहरी श्वास लें जिससे आपकी सभी इंद्रियों को आराम मिलेगा। अपनी सांसों पर केंद्रित होकर लंबी सांस लेने से दिमागी तनाव को आराम मिलता है। क्रोध पर तुरंत नियंत्रण के लिए इससे अधिक प्रभावी उपाय कुछ नहीं।

अच्छी नींद ले

सबसे पहले डिप्रेशन (Depression) दूर करने के लिए रोजाना 7 से 8 घंटे की नींद लें। नींद पूरी होने से दिमाग तरोताजा रहता है और मन में नकारात्मक भाव कम आते है। एक अच्छी नींद हमें सकारात्मक ऊर्जा से भर देती है। अध्ययनों से पता चला है कि रोज़ाना 7 से 8 घंटे सोने वाले लोगों में अवसाद के लक्षण कम देखे जाते हैं, इसलिए व्यस्तता के बावजूद अपनी नींद से समझौता न करें।

बात करें, मदद मांगें

अवसाद से गुज़र रहे लोगों को नियमित तौर पर ऐसे व्यक्ति से बात करना चाहिए जिनपर वे भरोसा करते हों या अपने प्रियजनों के साथ संपर्क में रहना चाहिए। ऐसे व्यक्ति को खुलकर अपनी समस्याएं शेयर करनी चाहिए और परिस्थितियों से लड़ने के लिए अपने प्रियजनों की मदद लेनी चाहिए।


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