एक ऐसा नाग शिवलिंग जो केवल एक बार नागलोक से बाहर आता है, जिसके दर्शन मात्र से मिट जाए सर्प दोष।

एक ऐसा नाग शिवलिंग जो केवल एक बार नागलोक से बाहर आता है, जिसके दर्शन मात्र से मिट जाए सर्प दोष।

काशी यानि वाराणसी इसे भोलेनाथ अर्थात भगवान शिव की नगरी भी कहीं जाती है। यहां मरने वाले कभी नरक या यमराज के पास भी नहीं जाते, ऐसा काशी खंड नामक पुस्तक में लिखी है।

शास्त्रों का कथन है कि संसार की दुर्लभ वस्तुओं में केवल दो ही मुख्य हैं –

  1. मनुष्य जन्म,
  2. काशी पुरी का दर्शन या निवास

यदि भाग्यवश दोनों ही प्राप्त हो जायें, मुक्ति प्राप्त होने में तनिक भी संशय नहीं है –

दुर्लभं जन्म मानुष्यं दुर्लभा काशिकापुरी।
उभयोः सङ्गमासाद्य मुक्ता एव न संशयः ll

अतः दुर्लभ मानव-शरीर पाकर कौन काशी का सेवन नहीं करना चाहेगा?

मुक्ति जन्म महि जानि, ग्यान खानि अघ हानि कर।
जहँ बस संभु भवानि, सो कासी सेइअ कस न ॥

एक चमत्कार वाराणसी के जैतपुरा में स्थित करकोटक नागेश्वर महादेव मंदिर

ऐसा ही एक चमत्कार वाराणसी के जैतपुरा में स्थित करकोटक नागेश्वर महादेव का एक प्राचीन मंदिर की है।

जिसका उत्सव नाग पंचमी के दिन बहुत महत्व रखता है। एक ऐसा नागेश्वर शिवर्लिंग जो 70 फिट गहरे एक कुंड में है। जो साल भर जल से भरा रहता है।

जैसे ही नागपंचमी के दिन आते है उस कुंड के जल को निकल कर उसमे विराजित नागेश्वर शिव लिंग की की जाती है और देखते- देखते वो कुंड 10 मिनट में फिर से जल से भर जाती है। माना जाता है यह कुंड आज से 3000 साल पहले का है, यहां पतंजलि ऋषि ने अपने शिष्यों को योग ज्ञान दिया था। वो एक बड़े शिव भक्त थे। माना जाते हैं पतंजलि ऋषि आज भी नाग के रूप में इस शिव दर्शन को आते हैं। ऐसा माना जाता है कि जो इस नाग कुंड में स्नान करता है, उसके अगले दिन से ही कल सर्प दोष समाप्त हो जाता है, दुनिया में उसको कोई सर्प हानि नही पहुंचा सकता । रोग दोष आदि पापो से भी मुक्ति मिलती है। नागपंचमी के दिन इस कुंड के परिसर में बहुत भीड़ लगती है ।


यह भी देंखे

Saurabh

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

WhatsApp
Telegram
नालंदा विश्वविद्यालय के बारे में रोचक तथ्य 10 Inspiring Buddha Quotes in English 2024 डॉ. बी.आर. अंबेडकर: समाजिक न्याय के महानायक के अज्ञात तथ्य गीता जयंती क्यों मानते है? Happy Birthday Virat Kohli Images