राजस्थान में बना 369 फीट का विश्व का सबसे ऊंचा शिवा प्रतिमा
आइए जानते हैं विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा के बारे में जिसकी ऊंचाई 369 फीट है। भगवान शिव की यह प्रतिमा 20 KM दूर से दिखाई देगी।
दुनिया की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा कौन सी है?
विश्व की सबसे ऊंची भगवान शिव की प्रतीमा राजस्थान के राजसमंद जिले के नाथद्वारा में स्थापित की गई है। इसका लोकार्पण कार्यक्रम 29 अक्टूबर 2022 से 6 नवंबर 2022 तक आयोजित किया गया है। इस प्रतिमा के निर्माण में 10 साल का समय लगा है। इस शिव प्रतिमा का नाम ‘विश्वास स्वरूपम’ रखा गया है।
दुनियां की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा “विश्वास स्वरूपम” की विशेषताएं क्या है?
राजस्थान के नाथद्वारा की गणेश टेकरी पर बनी विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा की ऊंचाई लगभग 369 फीट है। इसके निर्माण में 10 साल का समय लगा है। यह प्रतिमा 51 बीघा जमीन में स्थापित की गई है।
ध्यान मुद्रा में विराजमान शिव की ये प्रतिमा 20 किलोमीटर दूर से ही दिखाई देती है। रात के समय भी शिव प्रतिमा साफ दिखाई दे, इसके लिए खास लाइट्स से इसे सजाया गया है।
सबसे ऊंची शिव प्रतिमा की खासियत क्या है?
भगवान शिव की यह प्रतिमा विश्व की अकेली ऐसी प्रतिमा होगी जहां दर्शन करने और प्रतीमा के सबसे ऊपरी हिस्से तक पहुंचने के लिए चार लिफ्ट और तीन सीढ़ियां बनाई गई हैं। यह श्रद्धालुओं के लिए एक बड़ा हॉल बनाया गया हैं जहां एक साथ 10 हजार लोग प्रवेश कर सकते हैं।
इस प्रतिमा के निर्माण में 10 साल का समय लगा है। प्रतिमा के निर्माण में 3000 टन स्टील और लोहा, 2.5 लाख क्यूबिक टन कंक्रीट और रेत का इस्तेमाल हुआ है।
प्रतिमा का निर्माण 250 साल की स्थिरता को ध्यान में रखते हए कराया गया है।
इस प्रतिमा को इस प्रकार बनाया गया है की 250 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवा भी किसी तरह की क्षति नहीं पहुंचा सकेगी। इस प्रतिमा की डिजाइन का विंड टनल टेस्ट (ऊंचाई पर हवा) आस्ट्रेलिया में किया गया है। बरसात और धूप से बचाने के लिए इस पर जिंक की कोटिंग के बाद कॉपर कलर किया गया है।
भारत की दूसरी सबसे बड़ी बंजी जम्पिंग
इस प्रतिमा स्थल पर पर्यटकों की सुविधा और मनोरंजन के लिए बंजी जम्पिंग का निर्माण किया गया है। यह ऋषिकेश के बाद दूसरी सबसे बड़ी बंजी जम्पिंग होगी जिसका लुफ्त उठाने के लिए देश-विदेश के पर्यटक यहां आएंगे। साथ ही फूडकोर्ट, गेम जोन, जिप लाइन, गो कार्टिंग,एडवेंचर पार्क, जंगल कैफे का निर्माण भी किया गया है जहां पर्यटक इसका लुत्फ उठा सकेंगे।
थ्रीडी में शिव स्तुति की महिमा
विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा पर विशेष रूप से लाइट और साउंड के थ्रीडी (3D) उपयोग के जरिए शिव स्तुति का प्रसारण होगा। पर्यटकों के लिए यह बहुत ही आकर्षण का केंद्र होगा।
विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा के निर्माण में सुरक्षा मानकों का भी पूरा ध्यान रखा गया है। फायर सेफ्टी के साथ ही पानी के टैंक बनाए गए हैं. पर्यटकों के लिए गोल्फ की सुविधा भी उपलब्ध करवाई गई है। सुरक्षा के लिहाज से भी परिसर में बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात रहेंगे।
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शिव प्रतिमा के निर्माणकर्ता
विश्व की सबसे ऊंची भगवान शिव की प्रतिमा का निर्माण संत कृपा सनातन संस्थान की ओर से कराई गई है। भगवान शिव की यह अद्भुत प्रतिमा राजस्थान के पर्यटन को नया आयाम देगी। यह प्रतिमा श्रद्धालुओं के साथ ही सैलानियों के भी आकर्षण का केंद्र बन रहा है।
सबसे ऊंची शिव प्रतिमा का लोकार्पण कार्यक्रम
संत कृपा सनातन संस्थान की ओर से आयोजित शिव प्रतिमा के लोकार्पण कार्यक्रम के लिए डेढ़ लाख स्क्वायर फीट का पंडाल तैयार किया गया है। इस पंडाल का निर्माण जर्मन तकनीक से कराया गया है। साथ ही लगभग दो लाख स्क्वायर फीट में भोजनशाला का पंडाल बनाया गया है।
भगवान शिव के लोकर्पण यज्ञ में नौ दिन तक धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन होंगे। इस दौरान मुरारी बापू की नौ दिवसीय रामकथा भी आयोजन रखा गया है।
हर रोज बनेगा एक लाख लोगों का प्रसाद
संत कृपा सनातन संस्थान के आयोजकों के अनुसार हर रोज यहां एक लाख लोगो के प्रसाद ग्रहण कराने की व्यवस्था है। सर्विस काउंटर तक भोजन सामग्री पहुंचाने के लिए यहां ओवरहेड कनवेयर तकनीक का सहारा लिया जा रहा है जो अपने आप में अद्भुत हैं।
उदयपुर जिला मुख्यालय से 40 किमी दूर
विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा उदयपुर जिला मुख्यालय से 40 किमी की दूरी पर है और राजसमन्द जिला मुख्यालय से 15 किमी दूर है। यह प्रतिमा श्रीनाथ जी की नगरी नाथद्वारा में स्थापित है। उदयपुर स्थित महाराणा प्रताप अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से यहां की दूरी लगभग 40 से 45 किमी है। पर्यटक हवाई अड्डे से उत्तर कर आसनी से यहां पहुंच सकते है।