जाने चीता के बारे में  कुछ महत्वपूर्ण बातें

अब भारत में भी 70 साल बाद दौड़ते हुए चीते दिखाई देंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने जन्मदिन के मौके पर दक्षिण अफ्रीका के नामीबिया से लाए गए 8 चीतों को कूनो राष्ट्रीय अभ्यारण्य में छोड़ा।

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भारत में चीते विलुप्त हो गए थे। सन् 1952 में भारत सरकार ने आधिकारिक तौर पर चीता को देश में विलुप्त घोषित किया था। 1952 के पहले देश में करीब 1000 चीते थे। आखिर बचे हुए तीन चीतो को 1947 में सरगूजा (अब छत्तीसगढ़) के महाराजा रामानुज प्रताप सिंह देव ने मार डाला था।

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दक्षिण अफ्रीका के नामीबिया से चीते लाने की जरूरत क्यों पड़ी?

इस लिए दक्षिण अफ्रीका के नामीबिया से लाए 8 चीते लाकर अब कूनो राष्ट्रीय अभ्यारण्य (Kuno National Park Madhya Pradesh) में 123 प्रजातियों के पेड़ों के बीच छोड़ा गया है।

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क्या आप जानते हैं कि चीता ना ही पेड़ पर चढ़ सकता है और ना ही दहाड़ सकता है। चीता के अलावा बिग कैट फैमिली के अन्य सभी जानवर दहाड़ सकते हैं, लेकिन चिता सिर्फ गुर्राता है।

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चीता करीब 7 मीटर तक लंबी छलांग लगा सकता है। जब यह रफ्तार का बादशाह दौड़ता है तो हर एक मिनट में ऐसी चार छलांगे लगाने में सक्षम होता है। 

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चीता एक ऐसा जानवर है जो स्पोर्ट्स कार से भी तेज दौड़ता है। चीता महज तीन सेकेंड में 100 किमी रफ्तार से दौड़ सकता है।

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चीता अपना शिकार दिन में करता है। यह दूर से ही अपने शिकार को पकड़ सकता है।

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