Mother’s Day Quotes in Hindi 2024
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Mothers Day Quotes in Hindi
“मेरी तक़दीर में कभी कोई गम नही होता,
अगर तक़दीर लिखने का हक़ मेरी माँ को होता..”
“कौन सी है वो चीज़ जो यहाँ नहीं मिलती,
सब कुछ मिल जाता है पर माँ नहीं मिलती..”
माँ की दुआ कभी खाली नहीं जाती,
माँ की बात कभी टाली नहीं जाती,
अपने सब बच्चे पाल लेती है बर्तन धोकर,
और बच्चों से एक माँ पाली नहीं जाती..”
“किसी को घर मिला हिस्से में या कोई दुकान आई ,
मैं घर में सबसे छोटा था मेरे हिस्से में माँ आई..”
जज्बात माँ के संग माँ जिक्र तुम्हारा मेरे ख्यालों में,
मेरी ही अधूरी परछाई बनकर आता है,
बिना तुम्हारे मेरी शख्सियत को,
ज़िन्दगी का नज़राना भी नहीं देख पता है।
“हँसकर मेरा हर गम भुलाती है माँ,
मैं रोता हूँ तो सीने से लगाती है माँ,
बहुत दर्द दिया है इस ज़माने ने मुझको,
सबकुछ झेलकर जीना सिखाती है माँ..”
खूबसूरती की इंतहा बेपनाह देखी…
जब मैंने मुस्कराती हुई माँ देखी..”
मैने बिना मतलब निकाले रिश्ते निभाने वाला इंसान देख है,
इस जहान में केवल माँ ही है,
जिसकी नज़र से मैने यह आसमान देखा है
” मेरी माँ ”
माँ तेरी करामात से है ज़िन्दगी मेरी,
माँ तेरी खिदमत में है ये बंदगी मेरी,
माँ तेरी हर दुआ में है फ़िक्र मेरी,
माँ तेरे कदमो में है ये जन्नत मेरी।
सब कुछ लेने पर भी समर्पण करने का हुनर,
हमें अपने “पिता” से ही सीखना चाहिए,
और सब कुछ हार कर भी ये जग जित लेने का हुनर,
एक “माता” से बेहतर कोई नहीं सीखा सकता है।
बताया नही कभी उसे हमने अपने दिल का हाल फ़िर भी सब समझती है,
बचा लेती है जो हर बार मेरी डूबती हुईं कश्ती हाँ मेरी माँ ही वो हस्ती है।
किसी की नज़रों में मैं भले कम लगूँ ,
फर्क नहीं पड़ता मुझे कुछ ऐसा हुँ मैं,
हाँ जो खुद पे शक हो आये कभी तो,
बस अपनी माँ से पूछ लेता हुँ कि बता कैसा हूँ मैं।
जिसने मुझे ही लिखा उसके बारे में मैं क्या लिखूँ,
यही तमन्ना है मेरी उसे मैं सदा खुश रख सकू,
मुझे वो प्रसन्न दिखे और उसे मै मुस्कुराता दिखू,
जिसके ममता का कर्ज मै कभी न चुका सकूँ,
उस ममतामयी माँ के बारे में मैं अब क्या लिखूँ।
मैं क्यों न लिखूं मेरी माँ पर जिसने मुझें लिखा हैं,
मैंने इस दुनिया में सबसे पहले माँ बोलना ही सीखा हैं।
इस एहसान फरामोशों के मेले में,
एक दिल सच्चा सा चाहते है,
माँ के जैसा निस्वार्थ प्रेम करने वाला,
एक साथी हम सच्चा चाहते हैं।
यकीनन ईश्वर से बिलकुल कम नहीं है मेरी मां जनाब,
लफ्ज़ कम पड़ जाएंगे उनके एहसान लिखने लिखने।
जिस एक लफ्ज़ से है मेरी दुनिया सारी,
मुझे मेरा वो जहाँ फिर लौटा दे,
चाहे तो मेरी जिंदगी लेले ऐ खुदा,
बस मुझे मेरी प्यारी माँ लौटा दे।
तेरे ऎहसास से हम ग़म भूला जाते है,
तेरे होने से मेरे दुख सारे मिट जाते है,
तेरी प्यारी मुस्कुराहट से दिल भर जाते है,
तुझे दुनिया की हर ख़ुशी दूं यहीं मेरी तमन्ना है।
न इन आँखों में अब कोई ख्वाब है किसी के,
न इस दिल को अब किसी की ख्वाइश है,
तेरी गोद में कटे माँ मेरा अब हर लम्हा,
बस इतनी सी ही मेरी फरमाइश है।
बिना बताये ही वो हर बात जान जाती है,
वो माँ ही तो अपनी दोस्त बन जाती है,
गर हो कोई मुसीबत आये तो ढाल बन जाती है,
वो माँ ही जो दुआ बन जाती है।
चलती फिरती आंखों से अजां देखी है, मैंने जन्नत तो नहीं देखी लेकिन मां देखी है।
मुझे माफ़ कर मेरे या खुदा झुक कर करू तेरा सजदा तुझसे भी पहले माँ मेरे लिए ना कर कभी मुझे माँ से जुदा।
जिसके होने से मैं खुद को मुक्कम्मल मानता हूँ, में खुदा से पहले मेरी माँ को जानता हूँ।
मां वो सितारा है जिसकी गोद में जाने के लिए हर कोई तरसता है, जो मां को नहीं पूछते वो जिंदगी भर जन्नत को तरसता है।
मां तुम्हारे पास आता हूं तो सांसें भीग जाती है, मोहब्बत इतनी मिलती है की आंखें भीग जाती है।
हर घड़ी दौलत कमाने में इस तरह मशरूफ रहा मैं, पास बैठी अनमोल मां को भूल गया मैं।
मुसीबतों ने मुझे काले बादल की तरह घेर लिया, जब कोई राह नजर नहीं आई तो मां याद आई।
दुआ है रब से वो शाम कभी ना आए, जब माँ दूर मुझसे हो जाए।
जमाने ने इतने सितम दिए की रूह पर भी जख्म लग गया, मां ने सर पर हाथ रख दिया तो मरहम लग गया।
किसी भी मुश्किल का अब किसी को हल नहीं मिलता, शायद अब घर से कोई मां के पैर छूकर नहीं निकलता।
रूह के रिश्तो की यह गहराइयां तो देखिए, चोट लगती है हमें और दर्द मां को होता है।
किताबों से निकल कर तितलियाँ ग़ज़लें सुनाती हैं,
टिफ़िन रखती है मेरी माँ तो बस्ता मुस्कुराता है।
कदम जब चूमले मंज़िल तो जज़्बा मुस्कुराता है,
दुआ लेकर चलो माँ की तो रस्ता मुस्कुराता है।
एक मुद्दत से मेरी माँ नहीं सोई…
मैंने इक बार कहा था मुझे डर लगता है।
शायद यूँही सिमट सकें घर की ज़रूरतें,
‘तनवीर’ माँ के हाथ में अपनी कमाई दे।
दुआ को हाथ उठाते हुए लरज़ता हूँ आरिफ़,
कभी दुआ नहीं माँगी थी माँ के होते हुए।
इसलिए चल न सका कोई भी ख़ंजर मुझ पर,
मेरी शह-रग पे मेरी माँ की दुआ रखी थी।
यूं ही नहीं गूंजती किलकारियां घर आँगन के कोने में,
जान हथेली पर रखनी पड़ती है “माँ” को “माँ” होने में।
जब जब कागज पर लिखा, मैने “माँ” का नाम,
कलम अदब से बोल उठी, हो गये चारो धाम।
मां के बिना जिंदगी वीरान होती है,
तनहा सफर में हर राह सुनसान होती हैं,
जिंदगी में मां का होना जरूरी है,
मां की दुआओं से ही हर मुश्किल आसान होती है।
हैप्पी मदर्स डे
जी चाहता हैं वक्त से कुछ और पलो को चुरा लूँ,
मां की गोद में सर रखकर कुछ पल सुकून के बिता लूँ,
दुनिया के संग भागते भागते थक गया हूं मैं,
तेरी ममता की छांव तले थोड़ी देर निराशा को मिटा लूँ,
तेरी मूरत को इन आंखों में सदा के लिए बसा लूं,
तुझे किए हर एक वादे को मैं जिंदा रहते निभा लूँ ,
तेरे चरणों की धूल को जरा माथे पर लगा लूँ,
अपनी खुशियों के फूलों को तेरी राहों में बिछा लूँ।
हैप्पी मदर्स डे
वह मेरी बदसलूकी पर भी मुझे दुआ देती है,
आगोश में लेकर सब गम भुला देती हैं,
यूं लगता है जैसे जन्नत से आ रही है खुशबू,
जब वह अपने पल्लू से मुझे हवा देती।
हैप्पी मदर्स डे
मैं अगर अनजाने में करूं कोई गलती,
मेरी मां इस पर भी मुस्कुरा देती है,
क्या खूब बनाया है रब ने रिश्ता मां का,
वीरान घर को भी मां जन्नत बना देती हैं।
हैप्पी मदर्स डे
जरा सी चोट लगे तो आंसू बहा देती हैं,
अपनी सुकून भरी गोद में हमको सुला देती है,
होते हैं खफा हम जब तो दुनिया को भुला देती है,
मत गुस्ताखी करना लोगों उस मां से
क्योंकि जब वह छोड़ कर जाती है,
तो घर को कब्रिस्तान बना देती हैं।
हैप्पी मदर्स डे
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